पुणे: जिले के मावल तालुका में रविवार दोपहर एक भयानक और हृदय विदारक घटना सामने आई, जहां प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कुंदमाला के पास इंद्रायणी नदी पर बना एक दशकों पुराना पुल अचानक ढह गया। यह हादसा उस समय हुआ जब सप्ताहांत और मानसून के आगमन के कारण कुंदमाला में पर्यटकों की भारी भीड़ थी, जिससे आशंका है कि पुल ढहने के साथ ही कई पर्यटक नदी के तेज बहाव में बह गए।
हादसे का विवरण और शुरुआती आशंकाएं:
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह घटना रविवार दोपहर को हुई, जब तलगांव दाभाड़े शहर के पास स्थित कुंदमाला में इंद्रायणी नदी पर बने पुराने पुल ने अचानक दम तोड़ दिया। कुंदमाला मावल तालुका का एक लोकप्रिय स्थान है, खासकर मानसून के दौरान, जहां प्रतिदिन हजारों पर्यटक और तीर्थयात्री आते हैं। यह पुल कुंदमाला क्षेत्र को पार करने के लिए एक महत्वपूर्ण पैदल मार्ग के रूप में कार्य करता था।
हादसे के तुरंत बाद, स्थानीय पुलिस, ग्रामीण और आपदा राहत कर्मी मौके पर पहुंचे और युद्ध स्तर पर बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, इस भीषण दुर्घटना में 20 से 25 लोगों के इंद्रायणी नदी में बह जाने की आशंका है, हालांकि अभी तक सही संख्या का पता नहीं चल पाया है। इनमें से कुछ लोगों को बचाने के लिए टीमें जी-जान से जुटी हुई हैं।
बचाव कार्य में चुनौतियां:
पिछले दो दिनों से मावल इलाके में हो रही मूसलाधार बारिश ने बचाव अभियान को बेहद चुनौतीपूर्ण बना दिया है। इंद्रायणी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है और बहाव भी अत्यधिक तेज है, जिससे लापता व्यक्तियों को खोजना और उन्हें सुरक्षित निकालना मुश्किल हो रहा है। इसके बावजूद, स्थानीय पुलिस, आपदा प्रतिक्रिया इकाइयों और ग्रामीणों की टीमें बिना किसी देरी के राहत और बचाव अभियान चला रही हैं।
पुल की पुरानी स्थिति और महत्व:
बताया जा रहा है कि ढहा हुआ पुल कई दशक पुराना था और यह कुंदमाला क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण पैदल मार्ग के रूप में कार्य करता था। यह विशेष रूप से सप्ताहांत और त्योहारों के दिनों में भीड़भाड़ वाला होता था। पुल के अचानक ढहने से क्षेत्र में शोक और चिंता का माहौल है।
आगे की जानकारी का इंतजार:
प्रशासन और आपदा राहत एजेंसियां युद्धस्तर पर काम कर रही हैं। लापता व्यक्तियों की संख्या, बचाव अभियान की प्रगति और घटना के सटीक कारणों के बारे में आगे की जानकारी की प्रतीक्षा है। स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों से शांति बनाए रखने और बचाव कार्यों में सहयोग करने की अपील की है।
यह दुर्घटना पुणे और महाराष्ट्र के लिए एक गंभीर चेतावनी है, जो पुराने ढांचों के रखरखाव और मानसून के दौरान पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा उपायों की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है।
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