मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। गुरुवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के बीच गुप्त बैठक ने प्रदेश की राजनीतिक फिज़ाओं में नए समीकरणों की आहट दे दी है। यह मुलाकात मुंबई के ताज लैंड्स एंड होटल में हुई और करीब डेढ़ घंटे तक चली।
सबसे खास बात यह रही कि यह मुलाकात CM फडणवीस के सार्वजनिक शेड्यूल में शामिल नहीं थी, जिससे अटकलें और तेज़ हो गई हैं।
हाल ही में यह कयास लगाए जा रहे थे कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) और राज ठाकरे की मनसे आगामी विधानसभा चुनाव में गठबंधन कर सकती हैं। लेकिन फडणवीस और राज ठाकरे की अचानक मुलाकात ने इस संभावना पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
उद्धव ठाकरे ने कुछ दिन पहले ही बयान दिया था—"जनता जो चाहेगी, वही होगा", जिसे गठबंधन की तरफ इशारा माना जा रहा था।
हालांकि अभी तक किसी भी पक्ष की ओर से आधिकारिक बयान नहीं आया है कि मुलाकात का विषय क्या था। लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञ मान रहे हैं कि यह मीटिंग चुनावी गठजोड़ और राजनीतिक रणनीति को लेकर हुई है।
मनसे का शहरी क्षेत्रों में खासकर मराठी वोटबैंक पर मजबूत पकड़ है, और बीजेपी-शिवसेना शिंदे गुट के साथ मिलकर अगर मनसे जुड़ती है तो यह मुंबई, ठाणे, पुणे जैसे क्षेत्रों में बड़ा असर डाल सकती है।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक समीकरणों में बदलाव की उम्मीद की जा रही थी। अब इस मुलाकात ने यह संकेत दे दिया है कि बीजेपी और मनसे की नज़दीकियां बढ़ रही हैं, जिससे शिवसेना (UBT) अलग-थलग पड़ सकती है।
फडणवीस और राज ठाकरे की यह मुलाकात यूं ही नहीं हुई। इसके सियासी मायने आने वाले दिनों में स्पष्ट होंगे। लेकिन इतना तय है कि महाराष्ट्र की राजनीति अब एक बार फिर गठबंधन बनाम ध्रुवीकरण की ओर बढ़ रही है।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.