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बालमुकुंद आचार्य ने एक्स पोस्ट में लिखा, 'आज रात एक घायल परिवार सड़क पर मिला, दिल दहल गया. कृपया रात में गाड़ी सावधानी से चलाएं. आपकी एक लापरवाही किसी की जिंदगी बदल सकती है. घर सबको सुरक्षित पहुंचना है, जल्दी नहीं.

राजस्थान : की राजधानी जयपुर के ग्रामीण क्षेत्र हरमाड़ा में गुरुवार रात एक दर्दनाक हादसा हुआ जिसने हर किसी को झकझोर दिया।
डिवाइडर से टकराकर सड़क पर गिरे पति-पत्नी को तेज रफ्तार वाहन कुचलते चले गए। इसी दौरान वहां से गुजर रहे हवा महल विधायक बालमुकुंद आचार्य ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए काफिला रुकवाया और तुरंत अपनी गाड़ी से घायलों को अस्पताल पहुंचाया।


खाटू श्याम दर्शन कर लौट रहा था परिवार

हादसे में जान गंवाने वाले पति-पत्नी की पहचान मनोज और सुमन के रूप में हुई है, जो नागौर निवासी थे।
वे अपनी 13 साल की बच्ची के साथ खाटू श्याम मंदिर से दर्शन कर लौट रहे थे। रास्ते में एक राहगीर को बचाने के प्रयास में बाइक का संतुलन बिगड़ गया और वह डिवाइडर से टकरा गई


सड़क पर पड़े थे घायल, फिर आई तेज रफ्तार गाड़ियां

हादसे के बाद मनोज और सुमन सड़क के दूसरी ओर जा गिरे, जहां तेज रफ्तार में आ रहे वाहन उन्हें कुचलते चले गए।
बच्ची भी हादसे में गंभीर रूप से घायल हुई लेकिन उसकी जान बच गई।


विधायक ने गाड़ी से पहुंचाया अस्पताल, फोन से परिवार को दी खबर

घटना के समय बालमुकुंद आचार्य उसी रास्ते से गुजर रहे थे।
उन्होंने काफिला रुकवाया, घायलों को अपनी गाड़ी में अस्पताल पहुंचाया और बच्ची से बात कर उसका फोन अनलॉक करवाया, जिसके बाद उन्होंने बच्ची के चाचा को फोन कर हादसे की जानकारी दी।


"इमरजेंसी में स्टाफ नहीं तो फिर क्या मतलब?" – आचार्य का सवाल

अस्पताल में इमरजेंसी सेवाओं की लापरवाही देखकर विधायक आचार्य नाराज़ नजर आए।
वायरल वीडियो में वे कहते दिख रहे हैं:

"अगर इमरजेंसी में स्टाफ ही नहीं है तो फिर इसका मतलब क्या है? इलाज जरूरी है, पैसे बाद में देखेंगे।"

उन्होंने अस्पताल प्रशासन से साफ कहा कि:

"बच्ची के परिजन आ रहे हैं, उनसे कोई पैसा मत लेना। जरूरत हो तो मुझे बिल भेज देना।"


नेता नहीं, पहले एक इंसान – सोशल मीडिया पर हो रही तारीफ़

बालमुकुंद आचार्य ने इस घटना की जानकारी एक्स (Twitter) पर साझा करते हुए लिखा:

"आज रात एक घायल परिवार सड़क पर मिला, दिल दहल गया. कृपया रात में गाड़ी सावधानी से चलाएं. आपकी एक लापरवाही किसी की जिंदगी बदल सकती है. घर सबको सुरक्षित पहुंचना है, जल्दी नहीं।"

उनकी इस संवेदनशीलता और तत्परता की सोशल मीडिया पर जमकर सराहना हो रही है।


निष्कर्ष: हादसे से सबक – जिम्मेदारी से चलाएं वाहन

जयपुर की यह घटना न सिर्फ एक दर्दनाक दुर्घटना है, बल्कि हमें यह भी सिखाती है कि सड़कों पर चलना सिर्फ सुविधा नहीं, जिम्मेदारी भी है।
नेता हों या आम नागरिक, मानवता ही सबसे बड़ी सेवा है, और विधायक बालमुकुंद आचार्य ने यह साबित कर दिखाया।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

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