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विधानसभा में युवासंसद,राणा सांगा को गद्दार कहने का मुद्दा गूंजा:छात्रों ने कहा- पुरुष पुजारी हो सकते हैं तो महिला क्यों नहीं?; आरक्षण जरूरतमंद को मिले

जयपुर : राजस्थान विधानसभा में राज्यस्तरीय विकसित भारत युवा संसद का आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं ने खुलकर अपनी राय रखी। युवा संसद में 140 प्रतिभागियों ने भाग लिया, और उनमें से तीन को राष्ट्रीय युवा संसद के लिए चयनित किया जाएगा। युवा सांसदों ने ऐतिहासिक, सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखी।

राणा सांगा को गद्दार कहने पर भड़के युवा सांसद

युवा संसद के दौरान एक प्रतिभागी ने राणा सांगा को गद्दार कह दिया, जिसके बाद सदन में जमकर विरोध हुआ। कई युवा सांसदों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि राणा सांगा राजपूतों के वीर योद्धा थे, जिन्होंने मुगलों के खिलाफ संघर्ष किया था। इस पर सदन में जोरदार बहस छिड़ गई।

महिला पुजारियों के अधिकार पर उठे सवाल

युवा संसद में महिला अधिकारों और धार्मिक समानता का मुद्दा भी उठा।
एक छात्रा ने सवाल उठाया, "अगर पुरुष पुजारी हो सकते हैं, तो महिलाओं को यह अधिकार क्यों नहीं?"
इस पर बहस के दौरान कई प्रतिभागियों ने कहा कि धर्म और समाज में महिलाओं को समान अधिकार मिलने चाहिए।

आरक्षण पर नई बहस: जरूरतमंद को मिले लाभ

युवा संसद में आरक्षण को लेकर भी जोरदार चर्चा हुई।

कई प्रतिभागियों का मत था कि आरक्षण सिर्फ जाति के आधार पर नहीं, बल्कि आर्थिक स्थिति के अनुसार दिया जाना चाहिए।
एक युवा सांसद ने कहा, "आरक्षण उन लोगों को मिलना चाहिए जो वास्तव में जरूरतमंद हैं, न कि केवल जाति के आधार पर मिलने वाले विशेषाधिकार का लाभ उठाने वालों को।"

युवा संसद में क्या बोले अधिकारी?

कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों और विशेषज्ञों ने कहा कि युवा संसद का उद्देश्य युवाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना और उनके विचारों को मुख्यधारा में लाना है। खेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि देशभर में ऐसे आयोजन किए जा रहे हैं ताकि युवाओं की आवाज को सुना जा सके और उन्हें नीति निर्माण में शामिल किया जा सके।

राष्ट्रीय युवा संसद के लिए तीन का होगा चयन

इस कार्यक्रम में 140 युवा सांसदों ने भाग लिया, जिनमें से तीन प्रतिभागियों को राष्ट्रीय युवा संसद के लिए चुना जाएगा। इनका चयन उनकी विचारधारा, तर्कशक्ति और प्रस्तुति के आधार पर किया जाएगा।

युवा संसद का उद्देश्य

युवाओं को राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर खुलकर विचार रखने का मंच देना।
लोकतंत्र की प्रक्रियाओं और नीति निर्माण में युवाओं की भूमिका सुनिश्चित करना।
सामाजिक समानता, ऐतिहासिक विरासत और विकास से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना।

निष्कर्ष

राज्यस्तरीय युवा संसद में इतिहास, धार्मिक समानता और आरक्षण जैसे गंभीर मुद्दों पर खुली बहस हुई। यह कार्यक्रम युवाओं को एक मंच देने और लोकतंत्र में उनकी भागीदारी बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

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